Sunday, April 14, 2013

विकास पुरूष का चिन्तन

मित्रों और बहनों (हिन्दू)
    देखिये अपना एजेंडा विकास का है। मैं विकास पुरूष हूं। बल्कि महाविकास पुरूष हूं। मैंने ही अपने को बताया है। हालत ये कर दी है कि अखबार पढ़ेंगे तो लगेगा पूरे देश में एक ही प्रदेश है और एक ही मुख्यमंत्री है। मैने आदेश दिया है कि अब से  प्रतिदिन की मेरी दिनचर्या प्रकाशित हो और शाम को सभी चैनलों पर उस पर बहस हो कि आज मैंने क्या कहा और उसका मतलब क्या है। मैं तो स्पष्ट कहता हूं मित्रो, मुझे अपना विकास करना है। मुझे प्रधानमंत्री बनना है।
    मैं तो संघ प्रचारक था। हम लोग जब गणवेश पहनते हैं तो स्वयंसेवक रहते हैं और जब उतार देते हैं तो राजनीति में आ जाते हैं। मैं मुख्यमंत्री बना दिया गया। मैंने जिम्मेदारी निभाई। कांग्रेस को निपटाया। भाजपा और संघ में अपने विरोधियों को निपटाया। 2002 में मुसलमानों को निपटाया । मित्रों, इसका गणित समझिये आप। मुश्किल से दस बारह सीट पर मुसलमान फर्क डाल सकते हैं पर घृणा का ऐसा बाजार गर्म किया कि सारे गुजरातियां में हिन्दू गर्व समा गया। ये फसल काफी सालों तक कटती रहेगी। अब तो कई मुसलमान टोपी लिए घूम रहे हैं मुझे पहनाने के लिए। मैंने नहीं पहनी तो मैं बुरा पर जो पहनाने आए थे उनकी तो सोचिये।
    मैं चाहता हूं कि जैसे मैं गुजरात का मुख्यमंत्री बना दिया गया वैसे ही अब देश का प्रधानमंत्री बना दिया जाऊं। इसके लिए मुझे भाजपा में अपनी विजय पताका फहराना है। अब भाजपा में मुश्किल ये है एक तो वो बुजुर्गवार बैठे हैं। वो जब तक हैं तब तक आस नहीं छोड़ेंगे। उनके साथ बहुत से छुटभैये लगे हैं जो कहते हैं कि मुझे गुजरात के बाहर न निकलने दिया जाए। मित्रों, ये पार्टी की अंदरूनी राजनीति है। इसकी मुझे चिन्ता नहीं है। दूसरे मेरे पास पैसा है और मुझे पैसा खर्च करना आता है।
    आजकल कैसे कपड़े पहने जाएं, कैसे बाल बनाए जाएं, कैसे हाव भाव रखे जाएं इसके लिए सलाहकार मिलते हैं। किस मुद्दे पर कैसे बोला जाए, इसका भी तैयार मसविदा आ जाता है। इवेंट मैनेजमेंट के छोकरे छोकरियां सब कर देते हैं और बहुत सस्ते में कर देते हैं। आजकल आप लोग देख रहे होंगे कि मेरी संवाद अदायगी में कितने उतार चढ़ाव और भाव आते जाते हैं। इसके लिए कई वरिष्ठ अभिनेताओं को नौकरी पर रखा है। मित्रो, मैे आपको बताऊं, हर कोई खरीदा जा सकता है। ये जो टी वी चैनलों पर अखंड मोदी पाठ हो रहा है ये कोई फ्री में नहीं हो रहा है। हर काम का मैं पूरा भुगतान करता हूं। मैं कभी कभी सोचता हूं कि इन लोगों का इतना नाम है। इतने बड़े बड़े पत्रकार और बु़िद्धजीवी कहलाते हैं मगर दो कौड़ी में बिकने का तैयार हैं। सुबह शाम फोन करते हैं मोडी जी मोडी जी। मैं भी बहलाता रहता हूं। इनमें आपस में प्रतियोगिता करा दी है। जो बेहतर करेगा उसे ज्यादा पैसा दूंगा। खूब मजा आ रहा है।
    मैंने कुछ नकली लड़ाईयां आयोजित करा दी हैं। जैसे नितिश कुमार बनाम मोदी। नितिश और शरद पुराने समाजवादी हैं। समाजवादियांे की खासियत है। ये हमें भला बुरा कहते हैं और हमारे संयोजक हैं। हमारे साथ मिलकर सरकार चला रहे हैं। सुविधा ये है कि समाजवादी कभी समाजवादी का साथ नहीं देता। नहीं तो मुलायम, लालू, नितिश शरद सभी तो समाजवादी है। इन्हें मुझसे बड़ी शिकायत है तो रही आए। मुझे मालूम है वक्त आने पर ये मेरे पीछे खड़े रहेंगे। दुनिया भर में जब भी मौका आया तो समाजवादी दक्षिण पंथियों के साथ ही गये। 
    मेरे विरोधी समझते हैं कि गुजरात के दंगे मेरा रिकॉर्ड खराब कर देंगे। मैंने मीडिया के बुद्धिजीवियों को बोल दिया है। ज्योंही कोई 2002 के दंगे का नाम ले त्योंही तुम कहो कि कांग्रेस ने 1984 का दंगा करवाया था। उसका क्या ? बस इसके बाद बहस भटक जाएगी। अरे असली दंगे हमारे बुजुर्गवार के कमाल से 1992 में हुए थे। राम मंदिर आंदोलन के समय में। उसका तो कोई नाम नहीं लेता। अब वो बड़े संत बने रामनामी चादर ओढ़े घूम रहे हैं पर मन में यही है कि प्रधानमंत्री बन जाएं। क्या बूढा हो जाने से सारे पाप धुल जाते हैं ?
    मुझे लोकतंत्र से परेशानी नहीं है। उसको तो मैं सिद्ध कर चुका हूं। भाजपा और कांग्रेस में मेरे विरूद्ध कोई न उठ पाये इसकी व्यवस्था कर रखी है। परेशानी है तो न्यायपालिका से है। ये सिद्ध नहीं हो पा रहे। इनके खिलाफ बोल भी नहीं सकते। न्यायपालिका केवल गुजरात में होती तो मैं समझ लेता मगर दिल्ली में भी बैठी है। इसलिए मुश्किल हो रही है। कानून के लिए मेरे मन में बहुत सम्मान है। इतना सम्मान है जो कानून मुझे पसंद नहीं है उसे तोड़ता नहीं बदल देता हूं। मुझे गुजरात का लोकायुक्त कानून पसंद नहीं है। मैंने नया कानून बना दिया। विकास के लिए मैं कुछ भी कर सकता हूं। कुछ भी मतलब कुछ भी। 
    मित्रो, एक राज्य सरकार का काम एक बड़े नगर निगम के समान होता है। कुछ कल्याणकारी कार्यक्रम चलाना होते हैं। कुछ सड़कें पुल आदि बनाना होते हैं। बिजली पानी की व्यवस्था करना होती है। इसे अपने आइ ए एस लोग फाइलों में ला लाकर पेश करते हैं। इसे करवा लो तो सरकार चल जाती है। ज्यादा से ज्यादा विधायकों को मंत्री बना दो वो व्यस्त रहते हैं और उखाड़ पछाड़ नहीं करते। पार्टी और सरकार चल जाती है। मोटे तौर पर मुख्यमंत्री का काम एक बड़े जिले के कलेक्टर का ही है। मेरी कुशलता इसी बात में है कि मैं वही सब कर रहा हूं पर गुणगान मेरा होता है क्योंकि मैं हर बिकाऊ को खरीदना जानता हूं।
    मीडिया को मैंने एजंडा दिया है कि राहुल बनाम मोदी युद्ध घोषित करो। मैंने राहुल को कांग्रेस का प्रधानमंत्री का उम्मीदवार घोषित कर दिया और पीट दिया। बेचारा नया लड़का है। घबरा गया। कहने लगा है कि मैं तो देशसेवा करूंगा। उनकी माता जी तो वैसे भी नहीं बोलतीं। दूसरे मैं जानबूझकर ऐसे घटिया हमले करता हूं कि कोई जवाब दे ही नहीं सकता। देश में बहस ऐसी चलवा दी है जैसे अमेरिकी राष्टपति का चुनाव हो रहा हो जिसमें हर मतदाता को राहुल या मोदी में से एक को वोट देना है। इससे सुविधा ये हो जाती है कि असल मुद्दों पर बहस नहीं होती। मित्रो मेरा काम इसी से बनेगा। 
   

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